पाचन तंत्र का शरीर के प्रजनन तंत्र से बड़ा संबंध होता है। अगर आपने अपनी वीर्या को बचाया और इसे कभी बर्बाद नहीं किया। वही ऊर्जा आपके पाचन तंत्र में जाती है। पाचन तंत्र में ग्रंथि होती है जिसका नाम अग्न्याशय है। हिन्दी में इसे जठाग्नि कहते हैं। इस ऊर्जा से यह आग और बढ़ेगी। इससे आपकी पाचन शक्ति में वृद्धि होगी। आप जो खाते हैं, वह तेजी से पचता है और यदि आप तेजी से पचते हैं, तो आपका वीर्य बढ़ जाएगा। वीर्य बढ़ेगा तो स्वास्थ्य में वृद्धि होगी। यह प्राकृतिक सकारात्मक चक्र है।
यदि आप अपने शरीर की प्रजनन प्रणाली का अनैतिक दुरूपयोग करने लगते हैं और वीर्य को बर्बाद कर देते हैं। इससे आपकी पाचन क्रिया बुरी तरह प्रभावित होगी। इसका अग्न्याशय आपके दिए गए भोजन को पेट में और बिना पाचन के आग नहीं लगाएगा। यह बिना पचा हुआ धूल और विष है और यह नहीं हटेगा क्योंकि आपके पास इसे निकालने की ऊर्जा नहीं है। तो, यह दुष्चक्र है। आपने अपने वीर्या को बर्बाद कर दिया है। आपकी जठर अग्नि धीमी हो गई है और अब आपका पाचन धीमा हो गया है और अब आपका वीर्य तेजी से nhi बनेगा और इससे रोग तेजी से आएंगे। आप देखते हैं कि कुछ लोग एक छोटा गिलास दूध नहीं पीते हैं क्योंकि पाचन कम होता है kyoki unhone ब्रह्मचर्य तोड़ा hota hai
तो आइए और ब्रह्मचर्य का पालन करें यदि आप अपनी पाचन शक्ति को बढ़ाना चाहते हैं।
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