इस में धवनि तरंगों के सांसरों का उपयोग किया जाता है जो कानों से नहीं सुनाई देते | हमारे कण २० हजार हर्ट्स से ऊंची आवाज को नहीं सुन सकते पर इसमें तो २ से १७ मेगा हर्ट्स का उपयोग किया जाता है
सबसे पहले ट्रांसडयूसर के द्वारा शरीर में ध्वनि तरेंगे भेजी जाती है पर यह लोट आती है व इन तरंगों को स्कैनर द्वारा विधुत तरंगों में बदला जाता है फिर इसे कंप्यूटर में भेजा है व इमेज बनाई जाती है |
यह तस्वीरें ही आप के शरीर के अंदर की समस्या को बतातीं है इसमेँ विकरणों का इस्तमाल नहीं किया जाता | इसमें ध्वनि की गूजों का इस्तमाल किया जाता है | इस से आप के दिल , गुर्दे , लिवर के आकार को माप कर दिल की बीमारी, गुर्दे की बीमारी व लिवर की बीमारी का पता लगाया जाता है |
सबसे आम अल्ट्रासाउंड
1. महाधमनी का अल्ट्रासाउंड
2. पित्ताशय की थैली का अल्ट्रासाउंड
3. वैरिकाज़ नसों का अल्ट्रासाउंड
4. प्लीहा का अल्ट्रासाउंड
5. श्रोणि क्षेत्र का अल्ट्रासाउंड
6. शरीर के पेट के हिस्से का अल्ट्रासाउंड
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