व्यक्ति का चरित्र बहुत से अच्छी आदतों से बनता है जैसे सचाई, निम्रता व दयालुता पर सबसे जरुरी होता है ब्रह्मचर्य का होना | विषयों के पीछे भागने वाले का कभी भी अच्छा चरित्र नहीं बन सकता |
यदि आप अपने चरित्र का सुधार करना चाहते हो तो ब्रह्मचर्य का पालन बहुत जरुरी है | चरित्र आप के चाल चलन से बनता है अच्छे चरित्र वाले व्यक्ति को चरित्रवान व्यक्ति कहा जाता है व गंदे चरित्र वाले व्यक्ति को चरित्रहीन व्यक्ति कहा जाता है अब आप ही बताये आप चरित्रवान कहलाना चाहोगे या चरित्रहीन | अश्लील फिल्मे देखना, अश्लील सुनना, अश्लील बातें करना , अश्लील लोगो से मेलजोल रखना, अश्लील किताबें पड़ना यह सब आप को चरित्रहीन बना के नरक में फांकता है, व इसी जनम में आप को खलनायक या राक्षस की उपाधि देगा | क्या आप यह पसंद करोगे या देश भगति देखकर, धार्मिक बातें सुन कर , धार्मिक लोगो से मेलजोल रख कर व धार्मिक किताबें पड़ कर आप चरित्रवान व्यक्ति बनना चाहोगे |
भारत को गर्व है इसके इतिहास में ब्रह्मचर्य का पालन करके करोड़ो लोग चरित्रवान बने
श्री राम चंद्र चरित्रवान तथा ब्रह्मचारी थे उनके हाथों में इतना बल था के एक हाथ से ही गांडीव तोड़ दिया
श्री लक्ष्मण जी चरित्रवान तथा ब्रह्मचारी थे उन्होंने अपनी भाभी सीता जी को माँ का दर्जा दिया व १४ वर्ष बनवास में उनके पैरों को ही देखा व उनके ब्रह्मचर्य में इतना बल था के उन्होंने इन्द्रजीत का वध कर दिया क्योकि
अगस्त्यमुनि ने कहा था के इन्द्रजीत को ब्रह्मा का वरदान है व्ही उसका वध कर सकता है जिसने १२ वर्ष तक ब्रह्मचर्य का पालन किया हो मेघनाथ का नाम इस लिए इंद्रजीत पड़ा क्योकि उसने इंद्र को हराया था व लक्ष्मण इंद्रजीत से भी बड़ा इन्द्रियजीत था जिस ने अपने सभी इन्द्रियों को १२ वर्ष तक ब्रह्मचर्य के बल से जीता था
यदि आप भी अपनी इन्द्रियों को ब्रह्मचर्य के माद्यम से जित लेते हो तो आप भी हर जिंदगी की युद्ध में विजय ही होंगे | आओ ब्रह्मचर्य अपना कर सदा के लिए सदाचारी बने
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ब्रह्मचर्य के १०० लाभ - भाग १३ को details में पड़े
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