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स्वामी दयानंद प्राकृतिक चिकित्सालय  में आपका स्वागत है

इस चिकित्सालय  के संस्थापक डॉ. विनोद कुमार ने रोगियों की सहायता के लिए 500+ बिमारियों की चिकित्सा सबंधी ज्ञान दिया | 

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स्वास्थ्य बीमा बनाम प्राकृतिक चिकित्सा: कोई पैसा नहीं खोया, केवल स्वास्थ्य प्राप्त किया

 नमस्कार प्यारे दोस्तों! मैं हूं डॉक्टर विनोद कुमार, और आप देख रहे हैं स्वामी दयानंद नेचुरोपैथी हॉस्पिटल का website । आज का विषय है "नेचुरोपैथी वर्सेस हेल्थ इंश्योरेंस।" हाल ही में, मैंने फाइनेंस से जुड़े कई वीडियो देखे हैं। इन वीडियो में, जब फाइनेंस विशेषज्ञ अपनी प्लानिंग के बारे में बताते हैं, तो वे एक बात पर विशेष जोर देते हैं कि हर व्यक्ति को हेल्थ इंश्योरेंस जरूर कराना चाहिए। उनका कहना है कि यदि भविष्य में आपको किसी गंभीर बीमारी का सामना करना पड़े, तो हेल्थ इंश्योरेंस आपकी मदद करेगा।

1. नेचुरोपैथी का दृष्टिकोण

बहुत सारे मामलों में, जैसे कैंसर, हार्ट अटैक, सर्जरी, या किसी अंग का ट्रांसप्लांट, लाखों रुपये की आवश्यकता होती है—कभी-कभी 5 लाख, 10 लाख, 20 लाख या 50 लाख तक। ऐसे में फाइनेंस विशेषज्ञ हमेशा हेल्थ इंश्योरेंस कराने की सलाह देते हैं। लेकिन मैं इस पर एक अलग दृष्टिकोण साझा करना चाहता हूं।

यदि किसी व्यक्ति को किसी एक विषय की गहरी जानकारी है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह हर विषय का विशेषज्ञ है। खासकर जब बात हेल्थ की होती है। नेचुरोपैथी का सिद्धांत यह कहता है कि किसी भी बीमारी के इलाज के लिए धन की आवश्यकता नहीं होती। इसके बजाय, यदि आप मेहनत, अनुशासन, और त्याग के साथ अपने जीवन को व्यवस्थित करते हैं, तो आप स्वाभाविक रूप से स्वस्थ हो सकते हैं।

अब विस्तार से समझते हैं कि किन बीमारियों का हेल्थ इंश्योरेंस कराया जाता है और उन्हें नेचुरली ठीक करने के क्या उपाय हो सकते हैं।

और नेचुरोपैथी अपनाने से आपका हेल्थ इंश्योरेंस का पैसा बच सकता है। यह पैसा आप अपनी वेल्थ बनाने या प्राकृतिक साधन तैयार करने में उपयोग कर सकते हैं। अब बात करते हैं हेल्थ इंश्योरेंस के इतिहास की।

2. हेल्थ इंश्योरेंस का इतिहास 

हेल्थ इंश्योरेंस का कांसेप्ट 1706 में लंदन से शुरू हुआ, जब यह सवाल उठाया गया कि यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उसके बच्चों का भविष्य कैसे सुरक्षित रहेगा। इस विचार के तहत, रोड एक्सीडेंट, आगजनी, और अन्य अनहोनी घटनाओं के लिए इंश्योरेंस की शुरुआत हुई। लेकिन धीरे-धीरे यह डर लोगों के ऊपर हावी होता गया, और बीमारियों को भी इंश्योरेंस के दायरे में लाया जाने लगा।

आज, हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां मानती हैं कि बीमार होना तो तय है। इसलिए वे क्रिटिकल इलनेस की पॉलिसी बेचती हैं, जिसमें स्ट्रोक, हार्ट अटैक, सर्जरी, लिवर की बीमारियां, और हॉस्पिटल के बड़े खर्च जैसे वेंटिलेटर और ऑक्सीजन पंप जैसी चीजें कवर की जाती हैं। यह इंश्योरेंस आपकी पूरी फैमिली को कवर करने का दावा करता है।

3. नेचुरोपैथी और शरीर के तत्व

लेकिन नेचुरोपैथी कहती है कि हमारा शरीर पांच तत्वों—मिट्टी, पानी, अग्नि, वायु, और आकाश—से बना है। यदि आप इन तत्वों का संतुलन बनाए रखते हैं और नेचुरल तरीकों से जीवन जीते हैं, तो आप बीमारियों से बच सकते हैं और हेल्थ इंश्योरेंस के खर्च को पूरी तरह टाल सकते हैं।

हेल्थ इंश्योरेंस का एक बेहतरीन और मुफ्त विकल्प नेचुरोपैथी है, जिसे अपनाकर आप हेल्थ इंश्योरेंस के खर्चे को पूरी तरह से बचा सकते हैं। मैंने खुद अपने और अपने परिवार के किसी भी सदस्य का हेल्थ इंश्योरेंस नहीं कराया है, क्योंकि मुझे परमात्मा और उसके बनाए हुए नेचर पर पूरा विश्वास है। यदि परिवार के किसी भी सदस्य को कोई समस्या होती है, तो नेचुरोपैथी का सहारा लिया जाता है।

 4. ऑपरेशन के बिना समस्याओं को कैसे हल किया  जाए

आप सोच सकते हैं, नेचुरोपैथी का सहारा कैसे लें? सर्जरी जैसे मामलों पर आधारित मैंने 2016 से अब तक 30 से अधिक वीडियो बनाए हैं, जो बताते हैं कि क्रिटिकल बीमारियों को नेचुरल तरीकों से कैसे ठीक किया जा सकता है। इन वीडियो में विस्तार से समझाया गया है कि ऑपरेशन के बिना समस्याओं को कैसे हल किया जाए। यदि आप इन वीडियो को ध्यान से देखें और उनके अनुसार कदम उठाएं, तो आपको किसी भी तरह का अतिरिक्त खर्च नहीं करना पड़ेगा।

तो फिर हेल्थ इंश्योरेंस की पॉलिसी क्यों खरीदें, जब प्रकृति हमें मुफ्त में स्वस्थ कर सकती है? इंश्योरेंस पर होने वाला मासिक, वार्षिक या एकमुश्त खर्च बचाया जा सकता है। इस पैसे का उपयोग आप फल और ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थ खाने, ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने, और गाय की देखभाल में कर सकते हैं। नेचुरोपैथी कहती है कि फल और प्राकृतिक आहार में ही दवाइयां छिपी होती हैं।

हॉस्पिटल और दवाओं पर होने वाले भारी खर्चे से बचने के लिए मैंने ऐसी कई बीमारियों के नेचुरल इलाज बताए हैं। नेचुरोपैथी हमें सिखाती है कि किस तरह प्रकृति के माध्यम से हम अपने शरीर को संतुलित और स्वस्थ रख सकते हैं, और महंगे इलाज की आवश्यकता को खत्म कर सकते हैं।

5. बिना दवाइयों  के इलाज

नेचुरोपैथी ने चिकित्सा के लिए एक ऐसा विकल्प पेश किया है, जो न केवल सर्जरी और दवाइयों के बिना काम करता है, बल्कि पूरी तरह प्राकृतिक है। मैंने अब तक 400 से अधिक वीडियो बनाए हैं, जिनमें से 70+ वीडियो सिर्फ बिना दवाइयों और सर्जरी के इलाज पर आधारित हैं। इनमें पेट, सिर, नाक, कान, फेफड़े, हड्डियों, नर्वस सिस्टम, और छाती से संबंधित बीमारियों के नेचुरल इलाज के बारे में विस्तार से बताया गया है।


इन सभी बीमारियों का इलाज पांच तत्वों—मिट्टी, पानी, अग्नि, वायु और आकाश—से संभव है। उदाहरण के लिए, मिट्टी का उपयोग आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने की अद्भुत क्षमता रखता है। इसका खर्चा बिल्कुल नहीं है। 

6. मड थेरेपी

आप घर में या किचन गार्डन से एक फुट गहरी मिट्टी लाएं, इसे रातभर पानी में भिगोकर रखें, और फिर इसे पूरे शरीर पर लगाएं। यह प्राकृतिक मिट्टी हर घर में उपलब्ध है और फ्री में आपकी बीमारियों को ठीक कर सकती है।

इसके लिए मैंने "मड थेरेपी" पर एक विशेष वीडियो भी बनाया है, जिसे आप देख सकते हैं। मिट्टी का महत्व केवल नेचुरोपैथी में ही नहीं, बल्कि आयुर्वेद और होम्योपैथी में भी है। ये दोनों चिकित्सा पद्धतियां मिट्टी से उगने वाली जड़ी-बूटियों और पौधों पर आधारित हैं। यहाँ तक कि एलोपैथी में भी इस्तेमाल होने वाले केमिकल धरती या समुद्र से ही प्राप्त होते हैं।

इसलिए, जब हर चिकित्सा पद्धति का मूल स्रोत मिट्टी और प्रकृति है, तो क्यों न हम सीधे नेचर का सहारा लें और नेचुरल तरीकों से अपनी बीमारियों का इलाज करें। नेचुरोपैथी केवल सस्ती ही नहीं, बल्कि स्वस्थ जीवन का एक संपूर्ण समाधान है।

आप दिन में आधा घंटा या एक घंटा मिट्टी का उपयोग कर सकते हैं। मिट्टी में इतने मिनरल्स और मेडिसिनल वैल्यूज होते हैं, जो हमारी बॉडी से विषाक्त पदार्थों (टॉक्सिन्स) को बाहर निकालने की शक्ति रखते हैं। यह पूरी तरह प्राकृतिक और आसान उपचार है।

7. जल चिकित्सा

। जल अपने आप में एक अद्भुत चिकित्सक है।

जल चिकित्सा का उपयोग करके आप अपने शरीर को स्वाभाविक रूप से स्वस्थ रख सकते हैं। जल का नियमित और सही तरीके से सेवन आपके शरीर के अंदरूनी अंगों को साफ करता है और आपकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। ठंडे या गर्म पानी का उपयोग, स्टीम थेरेपी, और पानी के अन्य प्राकृतिक उपचार शरीर को संतुलित रखने में मदद करते हैं।

नेचुरोपैथी के ये उपाय—मिट्टी और जल चिकित्सा—आपकी बीमारियों का प्राकृतिक समाधान प्रदान करते हैं। ना ही इनका कोई साइड इफेक्ट है, और ना ही इन पर किसी प्रकार का खर्चा होता है। ये पूरी तरह से मुफ्त और हर किसी के लिए सुलभ हैं।

8. अग्नि चिकित्सा

 सुबह-सुबह हर रोज हवन यज्ञ करना एक प्रभावी उपाय है। इसमें गाय के गोबर ki samgri का उपयोग किया जाता है, खासकर उन गायों के गोबर का, जो जंगलों में जाती हैं, और साथ ही देसी घी का भी इस्तेमाल होता है। इस हवन से बहुत सारी औषधीय गुण निकलते हैं, जो हमारे शरीर को 100 साल तक स्वस्थ रख सकते हैं, बिना किसी स्वास्थ्य बीमा के। अब तक हम ने तीन उपाय देखे, 

9. वायु

 अगर आप किसी पार्क में जाकर पीपल के पेड़ के नीचे केवल 10-15 मिनट प्राणायाम करते हैं, तो इससे आपकी श्वसन प्रणाली मजबूत होगी और आप जीवनभर लंग्स और सांस की बीमारियों से बच सकते हैं। इस प्रकार, हेल्थ इंश्योरेंस की आवश्यकता समाप्त हो जाती है।

10. आकाश

अब बात करते हैं आकाश की, जब आप मानसिक शांति और खुशी में होते हैं, तो आकाश की ऊर्जा आपके शरीर को मिलती है। जब आप हर सुबह ध्यान करते हैं और परमात्मा का नाम लेते हैं, तो आपकी शरीर में ऊर्जा बढ़ती जाती है। इससे हेल्थ इंश्योरेंस की कोई जरूरत नहीं रहती, क्योंकि ऐसी स्थिति में कोई बीमारी नहीं हो सकती। अगर आप जीवनभर देसी गाय का दूध पीते हैं या अपने किचन गार्डन से फल और सब्जियां खाते हैं, तो आप हमेशा स्वस्थ रहेंगे, क्योंकि प्राकृतिक तरीके से आप अपनी सेहत की देखभाल कर रहे हैं।

आप हेल्थ इंश्योरेंस के बजाय जो पैसे उसमें खर्च कर रहे हैं, उन्हें बचाकर छोटे पौधे लगाएं, या एक छोटी सी जमीन लेकर वहां फल और सब्जियां उगाएं। इससे आपको प्राकृतिक, पौष्टिक आहार मिलेगा और दुनिया को ऑक्सीजन भी प्रदान करेंगे। यदि हेल्थ इंश्योरेंस का कोई पहलू समाप्त हो जाए तो हर कोई नेचुरल पैथी को अपना इंश्योरेंस बना सकता है और स्वस्थ रह सकता है।

यदि आप चाहते हैं कि मैं आपको व्यक्तिगत रूप से मार्गदर्शन दूं, तो आप मुझे वीडियो में दिए गए प्रश्नों का जवाब दें और अपने जीवनशैली को सुधारें। यह बहुत जरूरी है कि आप टॉक्सिन्स से बचें और अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत करें। यदि आप खुद का आत्म विश्लेषण करके सही कदम उठाते हैं, तो आपको किसी डॉक्टर की मदद की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

यदि आपको पर्सनल ट्रीटमेंट या गाइडेंस की आवश्यकता है, तो आप मुझे संपर्क कर सकते हैं। मेरा नंबर है: 9353259356 (भारत से बाहर +91 लगाएं)। आप मुझसे टेलीग्राम के माध्यम से भी संपर्क कर सकते हैं।

Video Tutorial


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स्वामी दयानंद प्राकृतिक चिकित्सालय: स्वास्थ्य बीमा बनाम प्राकृतिक चिकित्सा: कोई पैसा नहीं खोया, केवल स्वास्थ्य प्राप्त किया
स्वास्थ्य बीमा बनाम प्राकृतिक चिकित्सा: कोई पैसा नहीं खोया, केवल स्वास्थ्य प्राप्त किया
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