स्वास्थ्य की परिभाषा हर व्यक्ति के लिए अलग होती है। जिस व्यक्ति को पेट दर्द है, वह कहेगा कि अगर यह ठीक हो जाए तो यही मेरे लिए स्वास्थ्य है। वहीं, कैंसर से पीड़ित व्यक्ति यही मानेगा कि उसका कैंसर ठीक होना ही उसके लिए स्वास्थ्य है।
स्वास्थ्य का सही अर्थ
निरोगी शरीर, बिना किसी बीमारी के, ही असली स्वास्थ्य है। लेकिन केवल शारीरिक बीमारियों से छुटकारा पाना ही स्वास्थ्य नहीं है; मानसिक बीमारियों से मुक्ति भी पूर्ण स्वास्थ्य का हिस्सा है।
बीमारी एक जेल है, जबकि स्वास्थ्य आज़ादी।
बीमारी एक सज़ा है, और स्वास्थ्य एक पुरस्कार।
बीमारी क्यों आती है?
जब किसी से पूछें कि क्या वह मानता है कि बीमारी एक जेल है, तो उत्तर होगा, "हां, लेकिन कोई भी बीमार होना नहीं चाहता।" फिर भी बीमारी अपने आप आ जाती है। यह वैसा ही है जैसे बिना किसी गुनाह के जेल हो जाना।
बीमार व्यक्ति भी अक्सर यही कहता है:
"मैंने कोई गुनाह नहीं किया, फिर भी बीमार हो गया।"
बीमारी से मुक्ति का मार्ग
अगर बीमारी को जेल मानें, तो सवाल यह उठता है कि इससे बाहर कैसे आएं?
इसका उत्तर सरल है:
1. गलती को पहचानें:
अपने शरीर को प्राकृतिक चिकित्सक की तरह जांचें। यह स्वीकार करें कि बीमारी आपकी आदतों की वजह से आई है।
2. सुधार करें:
जो परहेज स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी हैं, उन्हें अपनाएं।
3. स्वास्थ्य का अनुभव करें:
आंखें बंद करें, और खुद से कहें:
"मैं अब मुक्त हूं। मैं स्वस्थ हूं।"
मानसिक स्वास्थ्य का महत्व
लंबे समय तक बीमार रहने के कारण, स्वस्थ होने के बाद भी व्यक्ति खुद को बीमार महसूस कर सकता है। इसे दूर करने के लिए:
सकारात्मक सोच अपनाएं।
खुद को बार-बार याद दिलाएं:
"मैं पूरी तरह स्वस्थ हूं।"
सोचने, महसूस करने और कहने से आप मानसिक रूप से भी स्वस्थ हो जाएंगे।
याद रखें: स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन मिलकर ही पूर्ण स्वास्थ्य का निर्माण करते हैं।
निष्कर्ष
स्वास्थ्य शारीरिक और मानसिक आज़ादी का नाम है। सही आदतें और सकारात्मक सोच अपनाकर, आप बीमारी की जेल से बाहर निकल सकते हैं और स्वस्थ जीवन का आनंद ले सकते हैं।
स्वास्थ्य ही असली संपत्ति है। इसे सहेजें।
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