दुनिया के तीन प्रमुख सुख
इस दुनिया में तीन सुख सबसे महत्वपूर्ण माने गए हैं:
1. अच्छी सेहत
2. धन और संपत्ति
3. परिवार और संतान का सुख
लेकिन, अगर धन और परिवार के सुखों के पीछे भागते हुए सेहत को नज़रअंदाज़ कर दिया जाए, तो बाकी दोनों सुख भी अधूरे रह जाते हैं।
1. धन से सेहत नहीं खरीदी जा सकती
आप सोच सकते हैं कि आपके पास बहुत धन है, जिससे आप सेहत खरीद सकते हैं। लेकिन अगर ऐसा होता, तो करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी लोग बीमारियों से न मरते। धन से सुखद जीवन तभी संभव है, जब आपकी सेहत अच्छी हो।
2. परिवार और संतान से सेहत नहीं लौटती
कई लोग मानते हैं कि परिवार और संतान उन्हें सुखी और स्वस्थ बना देंगे। यह भ्रम है। बीमार होने पर परिवार सेवा कर सकता है, लेकिन वे आपकी सेहत को वापस नहीं ला सकते। जब आप बीमारी की वजह से बिस्तर पर पड़े हों और एक गिलास पानी के लिए भी तरस रहे हों, तब सच्चाई समझ आती है।
3. सेहत के बिना सब व्यर्थ है
जिस धन और पारिवारिक सुख के लिए आपने सेहत गवाई, वही धन और परिवार आपकी सेहत नहीं लौटा सकते।
सेहत का सुख क्यों सबसे ऊपर है?
सेहत होगी, तभी आप धन का आनंद ले सकते हैं।
सेहत होगी, तभी आप परिवार और संतान के सुखों का अनुभव कर सकते हैं।
अगर सेहत नहीं है, तो ये दोनों सुख भी अधूरे रह जाते हैं।
सेहत का सुख कैसे पाएँ?
सिर्फ एक से जुड़ने से। वह एक, जो:
धन और संपत्ति का सुख देता है।
परिवार और संतान का सुख प्रदान करता है।
बीमारियों को ठीक करने वाली औषधियां उगाता है।
मन को आनंदित करता है और तृष्णाओं की आग बुझाता है।
धरती, आकाश, जल, वायु और सूरज का निर्माण करता है।
प्रेम का सागर है और आत्मज्ञान की ज्योति जगाता है।
वह एक है परमात्मा
वह परमात्मा ही:
आपकी आत्मा को महान बनाता है।
आपके जीवन को सुख, शांति और संतोष से भरता है।
परमात्मा से जुड़ें और सच्चे सुख को प्राप्त करें
परमात्मा हर जगह है, हर चीज़ में है। उसे पहचानें, उससे जुड़ें, और अपने जीवन में सच्चे सुख और सेहत का आनंद लें।
निष्कर्ष:
सेहत सबसे बड़ा धन है। इसे नजरअंदाज न करें। अगर सेहत है, तो जीवन के बाकी सुख स्वतः मिलते हैं।
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