चरण 1: अपनी समस्या पहचानें
प्लेटलेट्स या सेल्स की कमी दवाइयों की कमी से नहीं होती — यह शरीर में जमा हुए विष (टॉक्सिन्स) के कारण होती है।
आपके शरीर में नई कोशिकाएँ और प्लेटलेट्स बनाने की प्राकृतिक क्षमता है — बस उसे स्वयं को ठीक करने का अवसर देना होता है।
चरण 2: टॉक्सिन्स को निकालें (बिना एलोपैथिक दवाइयों के)
एलोपैथिक दवाइयाँ अस्थायी राहत देती हैं, लेकिन शरीर से विषैले पदार्थों को नहीं निकालतीं।
सच्चे अर्थों में ठीक होने के लिए आपको चाहिए कि —
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अनावश्यक दवाइयाँ लेना बंद करें,
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पर्याप्त विश्राम करें,
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और अपने शरीर को स्वाभाविक रूप से डिटॉक्स होने दें।
जब शरीर अंदर से स्वच्छ और पवित्र हो जाता है, तो नए प्लेटलेट्स स्वाभाविक रूप से बनने लगते हैं।
चरण 3: प्राकृतिक उपचार रस (Natural Healing Medicines)
निम्नलिखित ताजे रस खाली पेट दिन में एक या दो बार लें —
🌿 गिलोय का रस
🌿 तुलसी और काली मिर्च का रस
🌿 papite के पत्तों का रस
🍊 मौसमी (मीठा नींबू) का रस
🍋 नींबू का रस
ये रस रक्त को शुद्ध करते हैं, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं, और शरीर को स्वाभाविक रूप से प्लेटलेट्स बनाने में सहायता करते हैं।
चरण 4: मन को शांत करें
कुछ दिनों के लिए कामकाज, तनाव और व्यायाम से दूर रहें।
बस विश्राम करें, शांत रहें और सकारात्मक बने रहें।
प्रतिदिन स्वयं से कहें —
“मैं स्वस्थ हो रहा हूँ, और मेरे प्लेटलेट्स बढ़ रहे हैं।”
जब आपका मन शांत और सकारात्मक होता है, तब आपकी प्राकृतिक उपचार ऊर्जा सक्रिय हो जाती है और शरीर की मरम्मत प्रक्रिया शुरू होती है।
कम प्लेटलेट्स का असली इलाज गोलियों या इंजेक्शन में नहीं है —
यह आपके अंदर की स्वाभाविक उपचार शक्ति में है।
अपने शरीर को सही वातावरण, सही प्राकृतिक भोजन और सही विचार दें —
और आपका रक्त स्वयं को स्वाभाविक रूप से ठीक कर लेगा।
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