जीवन के प्रति उत्साह बनाए रखने की दवा है ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना, सिर्फ इंद्रियों को ही नयंत्रित न करना बल्कि अपने मन को पूरी तरह से विषयों से जाने से रोकना व उसे पूरी तरह अपने वश में कर लेना जैसे शेर शिकार को वश में करने के लिए उसकी गर्दन को दबोच लेता है क्योकि यही उसके प्राण के आने जाने का रास्ता है वैसे ही मन आप की इन्द्रियों का प्राण है इसे वश में करने से ही जीवन के प्रति उत्साह आएगा
किसी भी कार्य को करने के लिए आप के ह्दय में उस कार्य के सम्बन्ध में उत्साह होना चाहिए जब हृदय बलवान हो जाता तो आप को हर कार्य को करने में उत्साहित होंगे | सिर्फ वीर्यवान व्यक्ति का ह्दय बलवान होता है जहा वीर्यहीन व्यक्ति नरुत्साहित होता है व्ही कार्य वीर्यवान कर देता है |
दूसरी इम्पोर्टेन्ट बात यह है के वह कार्य आप को प्रेरित करे जिस से आप में जोश आ जाये व आप पूरी कोशिश से उसे पूरा कर दे | उत्साह एक गतिमान शक्ति है अब आप ही बताये बिना आप की वीर्य शक्ति से क्या यह शक्ति पैदा हो सकती है ? क्या वीर्य क्षय करने के बाद थका हुआ आदमी किसी भी कार्य को उत्साह से कर सकता है | बिलकुल नहीं इस लिए उत्साह के लिए आप का ब्रह्मचारी बनना बहुत आवश्यक है
आप मुझे कह सकते हो कि आप के हालत बहुत ख़राब है आप को धन की कमी है ऐसे में आप कैसे अपने कार्य में उत्साहित हो सकते हो तो मैं यही कहुगा के यह आप इस लिए कह रहे हो क्योकि आप ने वीर्य रूपी धन कभी एकठा किया ही नहीं
मान लीजिये आप की उम्र ३० वर्ष है व हर ४० दिन के बाद आप का वीर्य बनता है १० ग्राम
व एक साल में बना ९० ग्राम व १६ साल के बाद वीर्य बनाना हो जाता है इस तरह आप का बना
१२६० ग्राम जो के मस्तिक्ष में जाता जो के ह्दय में जाता जो के शरीर में खाप जाता पर आप ने उसे अपने जननइन्द्रिये से बहार निकाल दिया
यह मस्तिक्ष की शक्ति , यह ह्दय की शक्ति , यह शरीर में खपा हुआ वीर्य आप को हर स्थिति में उत्साही रखता
यह वीर्य परमात्मा का प्राण है यह कभी मरता नहीं जब तक आप के शरीर में है व आप में हर कार्य को करने का जोश पैदा करता यह तभी होता जब आप के जीवन का बहुत बड़ा उदेश होता व उस उदेश्य के लिए आप हर रोज कार्य करते व वीर्य को संभल के रक्ते
भोजन खाने के बाद , यह वीर्य आप के लिए और कोई कीमत नहीं मांगता , यह आप को याद दिलाता के आप का बहुत बड़ा गोआल है जीवन में महान बनाने का आपने ऋषियों के गौरव को पुना जगाने का तो आप का जोश व उत्साह भी जाग जाता
अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा , पहले आप उत्साह से वीर्य की रक्षा करो , पहले उत्साह से हर रोज पूरी कोशिश करो के
कोई गन्दा विचार आप के इस वीर्य रूपी अमृत को आप के शरीर से न निकाल पाए उसके बाद यही उत्साह आप का १००० गुना बढ़ जायेगा आप के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए |
आप को अपने मन में आज से एक सपना रोपना है के मैं दुनिया का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति , सबसे बुद्धिमान व्यक्ति , सबसे आमिर व्यक्ति ब्रह्मचर्य की शक्ति से बनुगा व इस दिशा में पुरे उत्साह से आगे जाये , देखे फिर कैसे आप को सफलता मिलती है | आप को इस उत्साह से इसको पानी देना है सिर्फ १० साल इस उत्साह से कार्य करे फिर देखे आगे आप का यह उत्साह कितना बढ़ जाता है |
ब्रह्मचर्य में रूचि है तो इस प्रोफाइल को फॉलो करना न भूले
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https://hi.sdnhospital.com/2021/06/100-benefits-of-brahmacharya-part-14-in-hindi.html
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